पाकुड़ रेल्वे कर्मी की मनमानी की आदत बनी रेलयात्रियों के लिए आफत

रेलवे के लिफ़्ट में 45 मिनट तक फँसा रहा छात्र

पाकुड़ संवाददाता

सुस्मित तिवारी

करोड़ों का राजस्व देने वाला पाकुड़ रेलवे स्टेशन सदियों से यहाँ के रेलवे कर्मियों, कर्मचारी एवं जी आर पी के मनमानेपन के लिए चर्चित रहा है और आज भी है । घटना बीती रात की है जब पाकुड़ नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं तीन के छोटी अलीगंज निवासी रमेश चंद्र मंडल के पुत्र राकेश चंद्र मंडल वनांचल एक्सप्रेस से राँची जाने के लिए पाकुड़ स्टेशन पहुँचे । स्टेशन पहुँचने के बाद राकेश एक नo प्लेटफार्म से दो नo प्लेटफार्म जाने के लिए लिफ्ट पर सवार हुए, लेकिन जब दो नo तक पहुंचने के लिए लिफ्ट लिया तो लिफ्ट बिजली चले जाने के बाद बीच में ही बंद हो गया । राकेश ने ततत्काल अपने पिता को बात बताई, सूचना पाकर राकेश के पिता भागे हुए स्टेशन पहुँचे एवं कभी जी आर पी तो कभी आर पी एफ तो कभी स्टेशन मास्टर के आफिस दौड़ लगाते रहे । राकेश के पिता ने बताया कि उस वक्त स्टेशन मास्टर का आफिस बंद था और जी आर पी व आर पी एफ आफिस ने अपना पल्ला झाड़ लिया।  इस दौरान उनका बेटा 45 मिनट तक लिफ्ट में ही फँसा रहा, जिसका नतीजा हुआ कि जेपीएससी का परीक्षा के लिए जाने वाले उनके पुत्र राकेश का ट्रैन, वनांचल एक्सप्रेस निकल गई । बकौल राकेश मंडल एक घंटे बाद जब लिफ्ट परिचालन के लिए तयशुदा जिम्मेदार आदमी पहुँचा और लिफ़्ट खोला तो वो उल्टा पिता पुत्र पर ही अपना रौब झाड़ने लगा । इस बाबत राकेश ने बताया कि उनके पिता के सामने टी टी ई ने लगभग 15 बार उसके नंo पर फोन किया लेकिन उधर से कोई जबाब नही आया । इस मामले मे जब आज स्टेशन मास्टर से मुलाकात की गई तो उन्होंने इस घटना को तकनीकी खराबी की संज्ञा देते हुए पल्ला झाड़ने का प्रयास किया लेकिन जब उपस्थित मिडिया के लोगों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उक्त लिफ़्ट परिचालन के लिए तयशुदा जिम्मेदार आदमी क्यो नही आया, ये तो वही बता सकता है । मजेदार बात ये कि जब उपस्थित मिडिया कर्मियों के सामने उस व्यक्ति को खुद स्टेशन मास्टर ने फोन किया तो उसने सीधे तौर पर कहा कि उसकी तबियत बहुत खराब है इसलिए वो नही आ सकते हैं । गौरतलब हो कि पाकुड़ स्टेशन पर ऐसी स्थिति सदियों से बनी हुई है । सूत्र बताते है कि लिफ्ट को जानबूझकर खराब करके रखा जाता है ताकि कुलियों को सुविधा हो, सूत्र यह भी बताते है कि दिव्यांग लोगो के लिए स्टेशन पर जो व्हीलचेयर मौजूद रहता है उसके लिए भी दो सौ रूपये लिए जाते हैं जो कि बिलकुल मुफ्त सेवा है ।

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